एक खत बेटी के नाम ..
मालूम है कोई भी माँ अच्छी नहीं होती अगर बेटी अच्छी नहीं हो ..तुम जानती हो तुममे मैं खुद को ही देखती हूँ ..बेटी माँ का ऐसा सपना होती है जिसमे वो अपनी मर्जी से रंग भरती है और मुकम्मल होने पर खुश होती है तब बनती है वो एक अच्छी माँ .
तुमने मुझे इस तरह खुश होने का मौका दिया ...जब तुम्हारी तारीफ होती है उसमे माँ भी शामिल होती है अनायास ही और बुराई में भी ..अभी नहीं समझोगी ..वक्त आएगा तब ..और तुम जब फिर मुस्कुराओगी तो मैं भी तुममें ही छिपकर मुस्कुराऊँगी ...ये दुनिया हमे ही सजानी है मिलकर ..कोई नहीं आएगा बाहर से ...अपने घर से ही शुरुआत करनी होगी मैंने तो पहल कर भी दी है अब आगे की राह भी ऐसे ही मिलकर चलेंगे ....दोगी न साथ तुम भी ...मेरा इस परम्परा को बढाने में ..
तुम्हारे हिस्से कोई एक दिन नहीं है ...हर वो लम्हा है जब दिल धडकता है और तुम खिलखिलाती हो ,तुम्हारे आंसू भी मेरी जिन्दगी का इम्तेहान होते है ..हर ठोकर के बाद भी तुम्हारा मुस्कुराना मेरे हौसले को बढाता है ...तुम एक दिन की मोहताज नहीं हो ..मालिक हो हर अहसास की हर याद की ...जाने क्यूँ भूल जाती है दुनिया ..बेटी के बिना तो दुनिया का वजूद ही नहीं है ..फिर मात्र एक दिन ...क्या कमाल है न ..मैं हमेशा तुममे जिन्दा रहूंगी ...मेरे देहावसान के बाद भी हमेशा हमेशा ...जैसे मेरी माँ मुझमे !!
तुम डरना नहीं कभी थक कर मत बैठ जाना हौस्लेकी उड़ान में बहुत ताकत होती है तुम ये जानती हो और ये मैं जानती हूँ अब तुम टूटोगी नहीं ...कभी भी किसी भी हालत में .....तुम !मेरी ताकत हो !!
...तुम्हारी माँ !!.
------ विजयलक्ष्मी
.मैं हमेशा तुममे जिन्दा रहूंगी ...मेरे देहावसान के बाद भी हमेशा हमेशा ...जैसे मेरी माँ मुझमे …
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति। बिलकुल मेरे दिल की बात…
आज की बेटियां जीवन के हर सोपान पर श्रेष्ठता का परचम लहरा रही है . इस अनुपम पोस्ट के लिए बधाई.....!!!
ReplyDeleteसुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति. कमाल का शब्द सँयोजन
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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