Friday 13 September 2013

"कृष्ण के नाम राधा की प्रेमपाती



राधा अष्टमी के शुभ अवसर पर ....

"कृष्ण के नाम राधा की प्रेमपाती "

तेरे प्रेमरस रांची मैं तो ,ओ मोहन गिरधारी 
तेरी मुरूली की धुन पे नाची मुरलीधर बनवारी 

न मैं जानूं तेरी सूरत में क्या है क्यूँ अपना दिल हारी
गलियन गलियन ढूंढ फिरूं मैं तेरे नाम की मतवारी
ओ सांवरे प्रीत लगा के तुझ संग फिरती मारी मारी
तेरे प्रेमरस रांची .......

न मैं जानूं पूनम की रातें ये ,न देखी अंधियारी
पल पल तेरी सूरत निहारूं जाऊं तुझपे बलिहारी
अब तो दासी को दरस दिखा दो गोवर्धन गिरधारी
तेरे प्रेमरस रांची ......

है मन में अंधियारा इतना जैसे हो घनकेश तुम्हारे
अटकी साँसे मेरी टूट रही हैं बिन पाए दरस तुम्हारे
पूरण कर दो आशा मन की वृन्दावन रासबिहारी
तेरे प्रेमरस रांची ...........ओ मोहन गिरधारी ..- विजयलक्ष्मी

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