अंदाज और हुनर उनका हम हैराँ थे देख कर ,
जो ख्याल है आया अभी उनका हाल देखकर .
दस्तक भी दी थी हमने ,पर्दे हया के डालकर ,
वो कहते है समझे न, बयान ए हाल देखकर .
रुखसार से ये पर्दा अब ,कैसे हटायेंगे हम ,
मुश्किल में अटकी जाँ, वक्त ए हालत देखकर .
किसका लिखूं मैं नाम औ पता गुमशुदा हूँ मैं,
इनकार पहचान से उनको ,हमे बेनाम देखकर.
कैसे सुनाऊँ तुमको दिल ए हालत की खबर
उठा था एक तुफाँ सा गया सबकुछ बिखेरकर .- विजयलक्ष्मी
जो ख्याल है आया अभी उनका हाल देखकर .
दस्तक भी दी थी हमने ,पर्दे हया के डालकर ,
वो कहते है समझे न, बयान ए हाल देखकर .
रुखसार से ये पर्दा अब ,कैसे हटायेंगे हम ,
मुश्किल में अटकी जाँ, वक्त ए हालत देखकर .
किसका लिखूं मैं नाम औ पता गुमशुदा हूँ मैं,
इनकार पहचान से उनको ,हमे बेनाम देखकर.
कैसे सुनाऊँ तुमको दिल ए हालत की खबर
उठा था एक तुफाँ सा गया सबकुछ बिखेरकर .- विजयलक्ष्मी
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