Saturday 28 April 2018

कितना इंतजार लिखूं ..... ?

जाने भोर कब होगी ,
कितना इंतजार लिखूं ||
ख्वाब पलको पर है
रात ख्वाबगार लिखूं ||
तमन्ना मौत की हुई
या दिल बेकरार लिखूं ||
लिखूं अशरार वफा के
बेवफा उदगार लिखूं ||
तुम भूल भी जाओ गर
मैं तो एतबार लिखूं ||
होठो से बयाँ करूं ,कैसे
दिल को इश्तेहार लिखूं ||
झुकी सी आँखों में तुम
कैसे तेरा दीदार लिखूं ||
यूँतो गम भी है जिंदगानी में
सरेआम कैसे प्यार लिखूं ||
------ विजयलक्ष्मी

Monday 2 April 2018

कलियों वाला चमन है तू.||


कलियों वाला चमन है तू.||
महकी महकी डगर है तू,

छाया हुआ हस्ती पर मेरी
लगता रहा अम्बर है तू ||

कौन किसके साथ चलता
कहदे किसका सफ़र है तू ||

ढूंढती रहती हैं नजरें
बतला मुझे किधर है तू ||

दुआ में है या पूजा में बैठा
या फ़क़ीरी का घर है तू ||

घूमी नजर खुदपर पर टिकी
ये कैसा जादूगर है तू ||

जो क्षितिज पर खेलती है
वो मिलती हुई नज़र है तू ||

लग रहा हुई भोर जैसे
या रौशनी का बसर है तू ||
------ विजयलक्ष्मी