Saturday, 7 September 2013

तन्हाई चांदनी रात जिन्दगी की मेरी























स्याह रंग आँखों का ख्वाब बताना ,
जलजलों को लिखना गजल और रुबाइयाँ 
तन्हाई चांदनी रात जिन्दगी की मेरी 
सूरज का खेलना रात समन्दर की गहराइयाँ .- विजयलक्ष्मी 

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