न सोच घर जला है मेरा , तो मेरा ही जलेगा ,
हाँ ,घर तो फूस का ही ,तुम्हारा भी है दोस्तों .
आज फ़ैल रही है आग जो बहकर मेरी गली
इस गली के मुहाने घर , तुम्हारा भी है दोस्तों .
बना रहा जो तमाशा यहाँ मेरे घर की आग का
होना चौक में कल तमाशा तुम्हारा भी है दोस्तों .
दरकार ए चैन औ अमन जितनी मुझे है आज
हक ए दुआ में हाथ उठना तुम्हारा भी है दोस्तों.
खलिश मेरे दिल में अभी है बस इस बात की ,
बहा लहू जिसका ,वतन तुम्हारा भी है दोस्तों .- विजयलक्ष्मी
हाँ ,घर तो फूस का ही ,तुम्हारा भी है दोस्तों .
आज फ़ैल रही है आग जो बहकर मेरी गली
इस गली के मुहाने घर , तुम्हारा भी है दोस्तों .
बना रहा जो तमाशा यहाँ मेरे घर की आग का
होना चौक में कल तमाशा तुम्हारा भी है दोस्तों .
दरकार ए चैन औ अमन जितनी मुझे है आज
हक ए दुआ में हाथ उठना तुम्हारा भी है दोस्तों.
खलिश मेरे दिल में अभी है बस इस बात की ,
बहा लहू जिसका ,वतन तुम्हारा भी है दोस्तों .- विजयलक्ष्मी
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