185 करोड़ की लागत से निर्मित भारत के पहले विशिष्ट व स्वदेशी निर्मित रक्षा उपग्रह जीसैट-7 का फ्रेंच गुयाना के कौरू अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण 30 अगस्त 2013 को किया गया. इस उपग्रह को रूक्मिणी नाम दिया गया. अब तक यह तकनीक केवल अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के पास थी. ....भारत छठां देश है, जो इस समूह में शामिल हो गया
रक्षा उपग्रह जीसैट-7 के प्रक्षेपण का उद्देश्य इस उपग्रह के प्रक्षेपण का उद्देश्य भारत की समुद्री सीमा की निगरानी क्षमता में गुणात्मक सुधार करना है. इस उपग्रह द्वारा सितंबर 2013 के अंत तक कार्य करना शुरू किया जाना है. स्वदेश निर्मित इस संचार उपग्रह का इस्तेमाल भारतीय नौसेना द्वारा किया जाना है.
इसके प्रयोग से अपनी सेना को अधिक क्षमतावान बना सकेंगे गोपनीयता के साथ ..भारत माँ के सपूतों को बधाई !!- विजयलक्ष्मी
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