सिलसिला ए हिचकी बदस्तूर जाती है ,
हिचक है कि टूटी नहीं ,बदस्तूर जारी है .
अहसास ख्वाब का या ख्वाबों में अहसास
ख्वाब ओ अहसास मुझमे बदस्तूर जारी है .
नमी मुझसे गुजर बादलों तक चली गयी ,
हवा का आंचल भीगना बदस्तूर जारी है .
टोपी का खेल हुआ सरकारी ,कैसी दोस्ती
सियासी खंजर का खेल बदस्तूर जारी है .
जल गये घर, आग ने मजहब नही देखा
जलना मन्दिरमस्जिद का बदस्तूर जारी है.- विजयलक्ष्मी
हिचक है कि टूटी नहीं ,बदस्तूर जारी है .
अहसास ख्वाब का या ख्वाबों में अहसास
ख्वाब ओ अहसास मुझमे बदस्तूर जारी है .
नमी मुझसे गुजर बादलों तक चली गयी ,
हवा का आंचल भीगना बदस्तूर जारी है .
टोपी का खेल हुआ सरकारी ,कैसी दोस्ती
सियासी खंजर का खेल बदस्तूर जारी है .
जल गये घर, आग ने मजहब नही देखा
जलना मन्दिरमस्जिद का बदस्तूर जारी है.- विजयलक्ष्मी
No comments:
Post a Comment