"नींद के आगोश में खिलते ख्वाब मुबारक तुमको ,
उठा हर कदम जानिब ए मंजिल मुबारक तुमको .
दर्द ए बयार तेरी गली से न गुजरे कभी इस तरह
दर कदम महकती बयार बसंती मुबारक तुमको .
चटकती कलियों का मौसम न बीते बगीचे से तेरे
शबनमी हर अहसास तुम्हारा , मुबारक तुमको
बरसती मिले खुशियाँ तुझे तेरे आंगन में सदा
महकती मुस्कुराती चांदनी सदा मुबारक तुमको
दीपक जलता रहे तुलसी के तले अरमान भरा
ये रोशन चरागात ओ आफ़ताब मुबारक तुमको ."
--विजयलक्ष्मी
बहुत उम्दा अशआर !
ReplyDeletelatest post कि आज होली है !
बहुत बढ़िया बहुत सुंदर लिखा आपने , आदरणीय कभी हमारे ब्लॉग पे भी पधारे , धन्यवाद
ReplyDeleteनवीन प्रकाशन -: बुद्धिवर्धक कहानियाँ - ( ~ अतिथि-यज्ञ ~ ) - { Inspiring stories part - 2 }
बीता प्रकाशन -: होली गीत - { रंगों का महत्व }
कितना प्यार और अपनापन संगलकामनाओं के आवरण में !
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