तुम इकरार करो या न ,तुम जानो
मुझे तुम्हारी बात से नहीं है इनकार |
रंग दिया तुमने किस रंग में मुझे
आईना पहचानने से करता है इंकार |
दंगे फसाद की आड़ ले बेचा वतन
उहापोह,वोट का छीनरही है अधिकार |
फतवों ने मजाक बना दिया मजहब
हिंदुत्व को बंधुआ बना रही है सरकार |
ऐशगाह शिक्षालय हुए कार्यालय नासूर
चुनावी शतरंज ये कर रही है बंटाधार | - विजयलक्ष्मी
मुझे तुम्हारी बात से नहीं है इनकार |
रंग दिया तुमने किस रंग में मुझे
आईना पहचानने से करता है इंकार |
दंगे फसाद की आड़ ले बेचा वतन
उहापोह,वोट का छीनरही है अधिकार |
फतवों ने मजाक बना दिया मजहब
हिंदुत्व को बंधुआ बना रही है सरकार |
ऐशगाह शिक्षालय हुए कार्यालय नासूर
चुनावी शतरंज ये कर रही है बंटाधार | - विजयलक्ष्मी
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