आज ढूंढ ली राह हमने भी खुदके भटकने से पहले |
उडी खुशबू महफिल में कुछ उनके बहकने से पहले |
हम देखा किये उन्हें उनकी नज़रें इनायत ही ना हुईं |
क्यूँ गिर रही है बिजलियाँ हमपर चमकने से पहले |
निगाह भरकर देखा किये हम जाने किस सुरूर में |
नजरों में भर लिया था उन्हें पलक झपकने से पहले|
सिहरकर रह गये हम भी ख्याल औ ख्वाब में उनके |
सरगोशियाँ सी होने लगी थी उनसे लिपटने से पहले|
मासूम सी कली थी मैं भी फूल बन महकने से पहले |
चमकती थी चांदनी सी मैं सूरज संग दहकने से पहले|
उडी खुशबू महफिल में कुछ उनके बहकने से पहले |
हम देखा किये उन्हें उनकी नज़रें इनायत ही ना हुईं |
क्यूँ गिर रही है बिजलियाँ हमपर चमकने से पहले |
निगाह भरकर देखा किये हम जाने किस सुरूर में |
नजरों में भर लिया था उन्हें पलक झपकने से पहले|
सिहरकर रह गये हम भी ख्याल औ ख्वाब में उनके |
सरगोशियाँ सी होने लगी थी उनसे लिपटने से पहले|
मासूम सी कली थी मैं भी फूल बन महकने से पहले |
चमकती थी चांदनी सी मैं सूरज संग दहकने से पहले|
..विजयलक्ष्मी संग अंजना
निगाह भरकर देखा किये हम जाने किस सुरूर में |
ReplyDeleteनजरों में भर लिया था उन्हें पलक झपकने से पहले...bohat sundar