कलम से..
Friday, 1 June 2012
सन्नाटा चुप्पी का
सन्नाटा चुप्पी का, शोर पर भारी हुआ जाता है ,
इससे तो अच्छा है, चल कुछ गुनगुना लिया जाये .--विजयलक्ष्मी
वक्त से वक्त छीनना पड़ता है अक्सर ,
वक्त से मुलाकात फिर भी न हों सकी हमारी .--विजयलक्ष्मी
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