भविष्य निर्धारित अब करती है रणभूमि मेरी ...
युद्धभूमि में जख्मी सभी सिपाही होते है यही सच है ..
कोई लड़ कर शाहदत पाते हैं , कोई जीत सियासत करते हैं ....
चुभन तलवार तीरों की काँटों सा भी अब क्यूँ होगा असर ?
आभूषण किसको कहते है नश्तर एक ह्रदय संग रखते हैं..
दर्द अपनी अंगुली का फिर क्यूँ दर्दीली सियासत करते हैं ?
फरिश्तों की सियासत भी कमजर्फ अब तो करते है ..--विजयलक्ष्मी
युद्धभूमि में जख्मी सभी सिपाही होते है यही सच है ..
कोई लड़ कर शाहदत पाते हैं , कोई जीत सियासत करते हैं ....
चुभन तलवार तीरों की काँटों सा भी अब क्यूँ होगा असर ?
आभूषण किसको कहते है नश्तर एक ह्रदय संग रखते हैं..
दर्द अपनी अंगुली का फिर क्यूँ दर्दीली सियासत करते हैं ?
फरिश्तों की सियासत भी कमजर्फ अब तो करते है ..--विजयलक्ष्मी
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