उसे अपना बना लो जिसे वो चाहता है ...
अपना लो उसके गम देदो खुशी जिसे वो चाहता है ..
सकूं दिल का ये कह देगा तुम तन्हा नहीं हों ..
यादों में बसे होंगे एक दूजे की जिसे दिल चाहता है ..
माँगता हर लम्हा उसी के साथ का हर पल
मुहब्बत बहुत ही शतिर है जिसे ये दिल चाहता है..
खिलौना बनाती है रूठती मनाती है देखो
इस दिल में उसे तो सम्भालो जिसे दिल चाहता है ..
झरोंखे माँगता है दीदार चाहता है बस
दिल में वही तस्वीर सजालो जिसे दिल चाहता है ..
हंसी पे मुस्कुरा लेना ,गुनगुना आवाज पर
देह तरंगित है, वही संगीत साज जिसे दिल चाहता है..
मन की वीणा पे तार सजा उसके नाम के
कलम को कह दे लिख देगी गीत जिसे दिल चाहता है ..
बता मन मेरे मैं अब तन्हा कहाँ हूँ ..
हम एक दूजे में पूरे, बहता है संगीत जिसे दिल चाहता है ...--विजयलक्ष्मी
अपना लो उसके गम देदो खुशी जिसे वो चाहता है ..
सकूं दिल का ये कह देगा तुम तन्हा नहीं हों ..
यादों में बसे होंगे एक दूजे की जिसे दिल चाहता है ..
माँगता हर लम्हा उसी के साथ का हर पल
मुहब्बत बहुत ही शतिर है जिसे ये दिल चाहता है..
खिलौना बनाती है रूठती मनाती है देखो
इस दिल में उसे तो सम्भालो जिसे दिल चाहता है ..
झरोंखे माँगता है दीदार चाहता है बस
दिल में वही तस्वीर सजालो जिसे दिल चाहता है ..
हंसी पे मुस्कुरा लेना ,गुनगुना आवाज पर
देह तरंगित है, वही संगीत साज जिसे दिल चाहता है..
मन की वीणा पे तार सजा उसके नाम के
कलम को कह दे लिख देगी गीत जिसे दिल चाहता है ..
बता मन मेरे मैं अब तन्हा कहाँ हूँ ..
हम एक दूजे में पूरे, बहता है संगीत जिसे दिल चाहता है ...--विजयलक्ष्मी
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