बरसात 3
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बहुत हुयी बरसात चलो अब ढंग में आजाओ ,
कितना बरसोगे आज जरा अब बदल जाओ
बहुत हुयी बरसात यादों को लेकर सुनलो अब
लाठी ले लो साथ, वोट पे हों चोट सम्भल जाओ .
बहुत हुई बरसात ,बदली हवा बही क्यूँ हर ओर ,
सरकारी अत्याचार नाम भ्रष्टाचार कुचल पाओ .
बहुत हुई बरसात बातों बातों की बात कर सको
राष्ट्रपति पद घात गर मिलकर भी बदल पाओ .
बहुत हुई बरसात ,हिटलर शाही सी है बात सुनो
लाठी है छोटी करनी है मोटी, सरकार बदल जाओ-विजयलक्ष्मी
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बहुत हुयी बरसात चलो अब ढंग में आजाओ ,
कितना बरसोगे आज जरा अब बदल जाओ
बहुत हुयी बरसात यादों को लेकर सुनलो अब
लाठी ले लो साथ, वोट पे हों चोट सम्भल जाओ .
बहुत हुई बरसात ,बदली हवा बही क्यूँ हर ओर ,
सरकारी अत्याचार नाम भ्रष्टाचार कुचल पाओ .
बहुत हुई बरसात बातों बातों की बात कर सको
राष्ट्रपति पद घात गर मिलकर भी बदल पाओ .
बहुत हुई बरसात ,हिटलर शाही सी है बात सुनो
लाठी है छोटी करनी है मोटी, सरकार बदल जाओ-विजयलक्ष्मी
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