यहाँ आंधियां नहीं मलयज पवन है सब ..
हमें आंधियों के दीदार की तमन्ना हुयी है .
ए वक्त इतना भी न तडपा उसकी खातिर
वो नाराज हों तो यूँ कि मौत ए तमन्ना हुयी है .
यादों के साये बेसाख्ता नाम ले रहे है वही
उनको तो सितम ढाने कि ही तमन्ना हुयी है .
मेरे आंसूओं का गम न कर बहने दे ये तसव्वुर
सिवाय नजरों के कुछ न पाने की तमन्ना हुयी है .
मेरी गुजारिश कोई सुने यहाँ उदासी क्यूँ है
जिंदगी उसके बिना नहीं जीने तमन्ना हुयी है .-विजयलक्ष्मी
हमें आंधियों के दीदार की तमन्ना हुयी है .
ए वक्त इतना भी न तडपा उसकी खातिर
वो नाराज हों तो यूँ कि मौत ए तमन्ना हुयी है .
यादों के साये बेसाख्ता नाम ले रहे है वही
उनको तो सितम ढाने कि ही तमन्ना हुयी है .
मेरे आंसूओं का गम न कर बहने दे ये तसव्वुर
सिवाय नजरों के कुछ न पाने की तमन्ना हुयी है .
मेरी गुजारिश कोई सुने यहाँ उदासी क्यूँ है
जिंदगी उसके बिना नहीं जीने तमन्ना हुयी है .-विजयलक्ष्मी
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