Tuesday, 19 June 2012

जरूरत तिनको की आफ़ताब को भला क्यूँ हों ?



जरूरत तिनको की आफ़ताब को भला क्यूँ ?
धडकने को अदद दिल की क्यूँ दरकार होती है ?
मौसम की तपिश से समन्दर डूबता क्यूँ है ?
डूबाने को दुनिया में अकेली सरकार होती है .
सत्य संकेत को झूठ मारेगा क्या मुखर सन्नाटा ?
चीखती है हर बात चीर कर आसमां के पार होती है .
मौत दो सरकार को लिखो उन्वान लोगो के ,
बता किसी और कलम की क्यूँ


 


विनाश का तांडव अभी शुरू कहाँ हुआ है सुन ,
सृजन शिव का शव बनेगा शक्ति क्यूँ बेजार रोती है ?
झोपडी की औकात क्या गिरवी मान महलों में, 
फकीरी हुई जिंदगी, दुआओं की भरमार होती है.
चढ़ाई की पहाड़ सी चोटी से गिरने का डर क्यूँ ?
धरती पे बैठे हैं ,भला नैया क्यूँ मझदार डुबादी है ?
  
रूह बाकी अब तो तमन्ना क्यूँ बाकी ,गंगा तीर
जिंदगी का तर्पण हुआ ,पिंड दान कर जमीं भी धो दी है |
अमवस्या का दिन शुभ था ,चाँदनी स्याह क्यूँकर
ग्रहण नहीं चाहिए, राहू पर नारायणीशिला की पनौती है
बोल, कन्या हत्या ही जन्म से पहले या शादी बाद होती है ?-विजयलक्ष्मी

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