"ए मुशीर बता जरा ,ये जुल्मतो का रंग क्यूँ ,
नौ तुझे दिखी नहीं ये शरपसंद गधे संग क्यूँ ."- विजयलक्ष्मी
मुशीर = सलाहकार
ज़ुल्मतों = अँधेरा
नौ = नई सुबह का सूरज
शर पसंद = शरारती तत्त्व
गधे = बेमिसाल
नौ तुझे दिखी नहीं ये शरपसंद गधे संग क्यूँ ."- विजयलक्ष्मी
मुशीर = सलाहकार
ज़ुल्मतों = अँधेरा
नौ = नई सुबह का सूरज
शर पसंद = शरारती तत्त्व
गधे = बेमिसाल
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