Thursday, 12 December 2013

ए मुशीर बता जरा...

"ए मुशीर बता जरा ,ये जुल्मतो का रंग क्यूँ ,
नौ तुझे दिखी नहीं ये शरपसंद गधे संग क्यूँ ."- विजयलक्ष्मी  

मुशीर = सलाहकार
ज़ुल्मतों = अँधेरा
नौ = नई सुबह का सूरज
शर पसंद = शरारती तत्त्व
गधे = बेमिसाल

No comments:

Post a Comment