यू पी ..लोकतन्त्र की परिभाषा बदली ,
लाठीतन्त्र पर जाकर ठहरी ,पुलिस गुंडई रंग दिखाती ,
औरत मरद सबको लातों से धकियाती ,लाठी जूते खूब चलाती
क़ानूनीवर्दी कानून का मखौल उठाती
सरकार घोटालो को लेकर चलती
झूठ सच पर पलती .
खबरे भी छनछन कर निकलती
शिक्षा बिकती वैश्या बनी दुकानों पर
बैठे खरीददार ऊँचे मचानों पर
चढती कलदार संसदीय भगवानो पर
चलती तलवार इंसानों पर
नहीं बंदिश कोई हैवानों पर
समाचार शोषण पोषण के ,
लट्ठ की भाषा बोली जाती
बलात होती चरित्र फिर आँखे भी फोड़ी जाती
...
बचपन में सुना था ये भारत ..
ये है गांधी के सपनों का भारत ..
लोहिया की ख्वाहिश का भारत
सच्चे सपूतों का भारत ..
लक्ष्मीबाई का भारत
अमर शहीदों का भारत ..
...
मगर अब लगता ..
गुंडातत्व का भारत
किसान को मौत का भारत
विकृत होती संस्कृति का भारत
घोटालो भ्रष्टाचार का भारत
गरीबो लाचारो का भारत
बेचारगी और बिमारों का भारत
बिके जमीर का भारत
आतंकवाद का भारत
चमचों के बाजार का भारत
वैश्य बन बिकती विद्या का भारत
उखड़े पंखो का ,गिरवी रखे हालात का भारत
बहुत बेजार है भारत
बहुत शर्मसार हुआ भारत ..-- विजयलक्ष्मी
लाठीतन्त्र पर जाकर ठहरी ,पुलिस गुंडई रंग दिखाती ,
औरत मरद सबको लातों से धकियाती ,लाठी जूते खूब चलाती
क़ानूनीवर्दी कानून का मखौल उठाती
सरकार घोटालो को लेकर चलती
झूठ सच पर पलती .
खबरे भी छनछन कर निकलती
शिक्षा बिकती वैश्या बनी दुकानों पर
बैठे खरीददार ऊँचे मचानों पर
चढती कलदार संसदीय भगवानो पर
चलती तलवार इंसानों पर
नहीं बंदिश कोई हैवानों पर
समाचार शोषण पोषण के ,
लट्ठ की भाषा बोली जाती
बलात होती चरित्र फिर आँखे भी फोड़ी जाती
...
बचपन में सुना था ये भारत ..
ये है गांधी के सपनों का भारत ..
लोहिया की ख्वाहिश का भारत
सच्चे सपूतों का भारत ..
लक्ष्मीबाई का भारत
अमर शहीदों का भारत ..
...
मगर अब लगता ..
गुंडातत्व का भारत
किसान को मौत का भारत
विकृत होती संस्कृति का भारत
घोटालो भ्रष्टाचार का भारत
गरीबो लाचारो का भारत
बेचारगी और बिमारों का भारत
बिके जमीर का भारत
आतंकवाद का भारत
चमचों के बाजार का भारत
वैश्य बन बिकती विद्या का भारत
उखड़े पंखो का ,गिरवी रखे हालात का भारत
बहुत बेजार है भारत
बहुत शर्मसार हुआ भारत ..-- विजयलक्ष्मी
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