आज तो खुशियों भरा दिन लौटकर आया है ,
कोई पुराना सा दोस्त रख नया रूप आया है !
रंग ए जिन्दगी भी वही संग लेकर आया है
दिलमे उठती सी कोई खलिश साथ लाया है !
वही नगमा औ चाहत ,वही दरस की आस
वही नगमे और वही सौगात साथ लाया है !
वो समझता होगा हम भूल गये उसका रंग
बदलकर नामो शक्ल वही अंदाज लाया है !.
फिर छेड़ा है वही तराना रंज औ गम का
खुद को मगर वो रत्तीभर न बदल पाया है !.- विजयलक्ष्मी
कोई पुराना सा दोस्त रख नया रूप आया है !
रंग ए जिन्दगी भी वही संग लेकर आया है
दिलमे उठती सी कोई खलिश साथ लाया है !
वही नगमा औ चाहत ,वही दरस की आस
वही नगमे और वही सौगात साथ लाया है !
वो समझता होगा हम भूल गये उसका रंग
बदलकर नामो शक्ल वही अंदाज लाया है !.
फिर छेड़ा है वही तराना रंज औ गम का
खुद को मगर वो रत्तीभर न बदल पाया है !.- विजयलक्ष्मी
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