वो परी शहजाद उनाबी पंख वाली ,
खिलती कलियाँ संग सतरंग वाली
तितली सी इतराती फिरि चमन में
दिखती है बहुत निराले से ढंग वाली .
बही पुरवाई लिए मौसम गुलाबी सा
भरती उड़ान शोख चंचल उमंग वाली
भायी नजर को ऐसे झंकृत हुआ मन
बजती सरगम चहुओर जलतरंग वाली
हजार रंग-संग झिलमिल सी जिन्दगी
रंग गयी इर्दगिर्द लिए कुंची रंग वाली .--- विजयलक्ष्मी
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