ए काश, हम ही बेवफा हो जाते तो अच्छा रहता ,
जिन्दगी तेरे रहते साथ मेरी मौत चली आती अच्छा रहता !
इंतजार करूं या छोड़ दूं सांस अब नाम लेकर तेरा
आखिरी नजरों में बसा तेरा ही नजारा होता अच्छा रहता !
या खुदा मेरी आँखों में कोई न समाये आज के बाद
जो दिया शुक्रिया उसका ,पहले ही बता देता अच्छा रहता !
नजर को छिपाकर क्या खता छिप जायेगी बता
मुझको छोड़ा होता और भीतरतक डुबाकर अच्छा रहता !
सरहद छलकी तेरी ख़ुशी के पैमानों से ए हमसफर
तुम्हे दिशा अपनी बदलनी थी ,पहले बताते अच्छा रहता !
मुबारकें ,आबाद रहे जहां तेरा.. हर लम्हा खुशनुमा हो
रोका कब, ये सफर पहले ही तय कर लेते अच्छा रहता !.- विजयलक्ष्मी
जिन्दगी तेरे रहते साथ मेरी मौत चली आती अच्छा रहता !
इंतजार करूं या छोड़ दूं सांस अब नाम लेकर तेरा
आखिरी नजरों में बसा तेरा ही नजारा होता अच्छा रहता !
या खुदा मेरी आँखों में कोई न समाये आज के बाद
जो दिया शुक्रिया उसका ,पहले ही बता देता अच्छा रहता !
नजर को छिपाकर क्या खता छिप जायेगी बता
मुझको छोड़ा होता और भीतरतक डुबाकर अच्छा रहता !
सरहद छलकी तेरी ख़ुशी के पैमानों से ए हमसफर
तुम्हे दिशा अपनी बदलनी थी ,पहले बताते अच्छा रहता !
मुबारकें ,आबाद रहे जहां तेरा.. हर लम्हा खुशनुमा हो
रोका कब, ये सफर पहले ही तय कर लेते अच्छा रहता !.- विजयलक्ष्मी
No comments:
Post a Comment