Saturday, 7 December 2013

"इसी लायक हो "

डूबे है तैराकी के माहिर हुए थे जो ,

इल्जाम है नदी पर लहरें डूबा गयी .

खोई है राहे उलझी हुयी सी खुद में


दर्द ए वफा का हर किस्सा सुना गयी .

जल रही है देखलो सडको पर फसल


कानून सो रहा, आत्महत्या बता गयी

मंत्री हुए भगवान है नौकरशाही गुलाम 


खाकी की सारी गरिमा ही गिरा गयी .

सीधी खबर यही औकात बस यही है 


"इसी लायक हो" नेता की जमात बता गयी .- विजयलक्ष्मी

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