कलम से..
Saturday, 15 September 2012
यादें है उनकी ..
"मेरे आँगन में यादे है उनकी दरख्त बरगद सी ,
मेरे झूलने से पहले पेंग बढा देती है आसमानों में ."
--विजय लक्ष्मी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment