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सुन ,.समर भी हूँ ,हुनर भी हूँ मैं ..
पलटते वक्त की गुस्ताख नजर भी हूँ मैं
वो अदना सा आम आदमी भी हूँ मैं
रण में खड़ी तो उसका बसर भी हूँ मैं.- विजयलक्ष्मी
सुन ,.समर भी हूँ ,हुनर भी हूँ मैं ..
पलटते वक्त की गुस्ताख नजर भी हूँ मैं
वो अदना सा आम आदमी भी हूँ मैं
रण में खड़ी तो उसका बसर भी हूँ मैं.- विजयलक्ष्मी
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