वक्त बहुत कम है मेरे खुद की खातिर
जमाने से सबक, लेने का चलन सीखेंगे
रुलाते है रोने वालों को ही जमाने वाले
अब वक्त को बदलने का सबक सीखेंगे
हाथों की लकीरें ही दागा दे गयी हमको
कलम से लकीरों को अपनी खीचेंगे
दिल टूट गया सबब मत पूछना हमसे
अब मौत से उसकी कैफियत सीखेंगे ...विजय लक्ष्मी
जमाने से सबक, लेने का चलन सीखेंगे
रुलाते है रोने वालों को ही जमाने वाले
अब वक्त को बदलने का सबक सीखेंगे
हाथों की लकीरें ही दागा दे गयी हमको
कलम से लकीरों को अपनी खीचेंगे
दिल टूट गया सबब मत पूछना हमसे
अब मौत से उसकी कैफियत सीखेंगे ...विजय लक्ष्मी
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