Wednesday 21 August 2013

किताबी ज्ञान रह गया बाकी आजकल ,

किताबी ज्ञान रह गया बाकी आजकल ,
कितने बच्चों को पता हल-बैल की जोत आजकल 
कैसे जानेंगे पैदल चलना गाँव से गाँव तक आजकल 
ए सी कार और ट्रेन फर्स्ट क्लास का सफर आजकल 
कैसी खेती कैसी साँझ औ तैरना नहर का आजकल 
माटी के चूल्हे ही कितने बच्चों ने देखे आजकल 
लालटेन ,ढिबरी ..की चिमनी कब साफ़ होती आजकल 
हारे में पकते हांड़ी के दूध की कहाँ लज्जत आजकल 
बस पिज्जा पाव चोकलेट मैक डी का बचा है खाना आजकल .
क्या क्या लिखूं क्या छोडूं जिसे भूल चुकी दुनिया आजकल .
बागों में जाकर तोडकर फल खाना देखा कितनों ने आजकल
बिछे खडंजे भूल चुके होंगे ज्यादातर ..गलियाँ याद किसे आजकल
मेडा चले खेत में कहते देखे मिटटी कैसे पिसे आजकल
घर के कोने की चक्की रोती थी टूटे उसके पाट आजकल
सिलबट्टा बट्टे खाते में ..मिक्सी सुंदर लगे आजकल .
- विजयलक्ष्मी

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