Friday, 30 August 2013

कृष्ण का माखन ..

शब्दिका ,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हे कृष्णा 
आपका मक्खन 
गजब 
ढा रहा है.…
खाने के नहीं,
लगाने के
ज्यादा काम 
आ रहा है..
.---प्रकाश प्रलय 
...
...इसीलिए

तो 
हर नेता 
भी 
चिकना होता जा रहा है 
घोटालों से लिप्त
है 
मगर
फिर भी 
पकड़ा नहीं जा रहा हैं
.- विजयलक्ष्मी

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