Saturday, 29 June 2013

बेवफा थी ही नहीं हमारी जिन्दगी कभी





बहुत बेजां तर्ज पर घर टूटा है हमारा ,
भरोसा है मगर कि दामन छोड़ता नहीं 
बेवफा थी ही नहीं हमारी जिन्दगी कभी
खौफ मौत भी अब तो मुझे तोड़ता नहीं.
- विजयलक्ष्मी

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