तेरी मुंडेर ने रंग बदल लिया है अपना ,,,
बता ,,कैसे उतरती चाँदनी आँगन में तेरे .
दाना तो खूबसूरत है जाल बिछाया क्यूँ ,,,
गौरैया को क्या कैद करेगा आँगन में तेरे .
तमन्ना ए जिंदगी न खत्म हों जाये मेरी ,,,
सम्भल ए जिंदगी, थमे कैसे आँगन में तेरे.
तोड़ कर राहों को फेकता है अक्सर खुद ,,,
कोयल चहकेगी कैसे बताना आंगन में तेरे .
जो रुखसती चाहता हों खुद ही खुद से भी ,,,
क्यूँ डाल पर नहीं बैठने देता आँगन में तेरे .
न हों मर गयी तो ...ढूंढ रखना रूह को भी ,,,
समा लेना पिंजरे में रखना आँगन में तेरे..-- vijaylaxmi
बता ,,कैसे उतरती चाँदनी आँगन में तेरे .
दाना तो खूबसूरत है जाल बिछाया क्यूँ ,,,
गौरैया को क्या कैद करेगा आँगन में तेरे .
तमन्ना ए जिंदगी न खत्म हों जाये मेरी ,,,
सम्भल ए जिंदगी, थमे कैसे आँगन में तेरे.
तोड़ कर राहों को फेकता है अक्सर खुद ,,,
कोयल चहकेगी कैसे बताना आंगन में तेरे .
जो रुखसती चाहता हों खुद ही खुद से भी ,,,
क्यूँ डाल पर नहीं बैठने देता आँगन में तेरे .
न हों मर गयी तो ...ढूंढ रखना रूह को भी ,,,
समा लेना पिंजरे में रखना आँगन में तेरे..-- vijaylaxmi
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