Sunday 16 June 2013

जब जख्मों को सी लेते है.


क्या नाम दूँ उन लम्हों को ,
जब हमतुम जी लेते है ..
कोई और तमन्ना क्यूँ मन में,
जब जीवन को पी लेते हैं ..
मिलने जख्म तभी दिल को थे 
जब जख्मों को सी लेते है..
वक्त शातिर, पहले मिला नहीं ,
अब जज्बों में जी लेते हैं ..
स्वछंदता मांगी किसने है बोलो ,
बंधन में स्वतंत्रता जी लेते हैं .
.विजयलक्ष्मी 

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