हमारे देश की बात भी कितनी निराली है ,
एक ही वृक्ष की अलग अलग रंगी डाली हैं .
वाह क्या खूब यहाँ पर पुलिसिया अंदाज है
छेड़छाड़ की पूछताछ .हत्या पर जुगाली है
घरानों और निशानों के अंतर भी देखिये
पैसे वालो की चली गरीब न्याय से खाली है
जिंटा वाडिया की चिंता सभी को सरापा सी
लटकी हुयी बालाओं का यहाँ कौन सवाली है
नामचीन खरीद रहे वक्त क्या ईमान क्या
गरीब की इज्जत बनी ,,चौराहे की नाली है
हैसियत ने देख लो कलम भी खरीद ली
छोड़ गरीब, अमीरी की कहानी लिख डाली है .-- विजयलक्ष्मी
एक ही वृक्ष की अलग अलग रंगी डाली हैं .
वाह क्या खूब यहाँ पर पुलिसिया अंदाज है
छेड़छाड़ की पूछताछ .हत्या पर जुगाली है
घरानों और निशानों के अंतर भी देखिये
पैसे वालो की चली गरीब न्याय से खाली है
जिंटा वाडिया की चिंता सभी को सरापा सी
लटकी हुयी बालाओं का यहाँ कौन सवाली है
नामचीन खरीद रहे वक्त क्या ईमान क्या
गरीब की इज्जत बनी ,,चौराहे की नाली है
हैसियत ने देख लो कलम भी खरीद ली
छोड़ गरीब, अमीरी की कहानी लिख डाली है .-- विजयलक्ष्मी
No comments:
Post a Comment