ये विज्ञापन थोडा सच ज्यादा झूठ ,
रो रहा है भारत देश पकड़ कर मूठ .
मक्कारी से ही जनता को रिझाएंगे
जनता समझी मुर्ख रहे देश को लूट.
लिखे शब्दों के पत्थर से नई क्रांति
झूठा पर्दाफाश, लिए कलम की मूठ .
विकास दर ऋणात्मक करता प्रमाण
सत्य के खंजर से खत्म करो झूठ
चुनाव के समय लोकलुभावन वादे
होंगे पूरे वक्त पर सबसे बड़ा झूठ - विजयलक्ष्मी
रो रहा है भारत देश पकड़ कर मूठ .
मक्कारी से ही जनता को रिझाएंगे
जनता समझी मुर्ख रहे देश को लूट.
लिखे शब्दों के पत्थर से नई क्रांति
झूठा पर्दाफाश, लिए कलम की मूठ .
विकास दर ऋणात्मक करता प्रमाण
सत्य के खंजर से खत्म करो झूठ
चुनाव के समय लोकलुभावन वादे
होंगे पूरे वक्त पर सबसे बड़ा झूठ - विजयलक्ष्मी
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