शिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रभु को एक भजन की भेंट..
ॐ नम: शिवाय ..ॐ नम: शिवाय
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय
गरल पिया और सरल किया
मानव का उत्थान किया
ओ डमरू वाले शंकर शम्भू
तुमने जीवन का कल्याण किया
ॐ नम: शिवाय ..ॐ नम: शिवाय
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय
तुमने तारे अधम ,अज्ञानी
आँखे तुझको न पहचानी
विष पीकर खुद ही तुमने
दुनिया को अमृत कर डाला
ॐ नम: शिवाय ..ॐ नम: शिवाय
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय
बिन तान तमूरा तांडव नृत्य रचा
बिन नाद ज्ञान का व्याकरण रचा
सन्यासी होकर भी शम्भू
गृहस्थ भी खूब निभा डाला
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय.-- विजयलक्ष्मी
ॐ नम: शिवाय ..ॐ नम: शिवाय
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय
गरल पिया और सरल किया
मानव का उत्थान किया
ओ डमरू वाले शंकर शम्भू
तुमने जीवन का कल्याण किया
ॐ नम: शिवाय ..ॐ नम: शिवाय
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय
तुमने तारे अधम ,अज्ञानी
आँखे तुझको न पहचानी
विष पीकर खुद ही तुमने
दुनिया को अमृत कर डाला
ॐ नम: शिवाय ..ॐ नम: शिवाय
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय
बिन तान तमूरा तांडव नृत्य रचा
बिन नाद ज्ञान का व्याकरण रचा
सन्यासी होकर भी शम्भू
गृहस्थ भी खूब निभा डाला
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय
ॐ नम: शिवाय ...ॐ नम: शिवाय.-- विजयलक्ष्मी
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