"........क्युकि इश्क भी तो इश्वर से किया है ना !!.
.पूर्ण सार है जीवन का , और ...
इश्क ने इंसान को खुदा बना दिया ,
औ खुदा को इश्क में इंसा बना दिया .- विजयलक्ष्मी
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उफ़ ये मुहब्बत बड़ी अजीब सी शै है ,
आँख में आंसू देकर मुस्कुराती बहुत है .
जब मुस्कुराते है होठ,.. बाखुदा यारा
सितम तो देखो आँख को रुलाती बहुत है .- विजयलक्ष्मी
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दिल पे खुद से ज्यादा यकीं हुआ था ,
इसी से खुद को हारकर दिल को जीता दिया .- विजयलक्ष्मी
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दोष नजरों का बेचारा दिल बेमौत मारा जाता है
होश खोता है दिल और आंसू आँख में समाता है
लज्जत ए ईमान खामोश लुटता है दीवानगी में
बेहोश मंजर यूँ विरानगी नजर में आँख रुलाता है ..- विजयलक्ष्मी
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.पूर्ण सार है जीवन का , और ...
इश्क ने इंसान को खुदा बना दिया ,
औ खुदा को इश्क में इंसा बना दिया .- विजयलक्ष्मी
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उफ़ ये मुहब्बत बड़ी अजीब सी शै है ,
आँख में आंसू देकर मुस्कुराती बहुत है .
जब मुस्कुराते है होठ,.. बाखुदा यारा
सितम तो देखो आँख को रुलाती बहुत है .- विजयलक्ष्मी
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दिल पे खुद से ज्यादा यकीं हुआ था ,
इसी से खुद को हारकर दिल को जीता दिया .- विजयलक्ष्मी
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दोष नजरों का बेचारा दिल बेमौत मारा जाता है
होश खोता है दिल और आंसू आँख में समाता है
लज्जत ए ईमान खामोश लुटता है दीवानगी में
बेहोश मंजर यूँ विरानगी नजर में आँख रुलाता है ..- विजयलक्ष्मी
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