Sunday, 7 July 2013

चलो छोड़ दो अकेले अब हमे

माँ की ममता मजबूर होती है समाज के सामने 
बेटे का प्यार तो मजबूर नहीं था 
उन्हें पर्दे की इतनी आदत थी की हम बेपर्दा हुए कई बार 
अब तो बेटे का प्यार ज्यादा मजबूर दिखता है हमको ..
चलो छोड़ दो अकेले अब हमे ..बहुत जरूरत है अब
- विजयलक्ष्मी 

No comments:

Post a Comment