चलो थोड़ी धज्जियां ईमान की उखाड़ी जाए ,
थोड़ी सी खपच्चियाँ छान की उतारी जाए
बहुत गरज रहा है वो थोथे चने के जैसा
चलो तो क्यूँ न हवा पाकिस्तान की निकाली जाये
दे रहे हैं सीख ..अपने घर में झांककर देखते नहीं है जो
आओ बुलंद आवाज में वन्देमातरम उचारी जाए
मौत से डरते तो ईमान से मौन साथ लेते
श्यामपट से वतन परस्ती की भाषा सिखा दी जाए
कदम से कदम मिलाकर बढ़ते है मंजिल की
चलो बिगड़े हुओ की नाक में नकेल डाली जाये
कश्मीर हमारा हिस्सा है सुनो खोलकर कान
जिन्हें सुनाई नहीं दिया कान में गर्म तेल उतारी जाये -- विजयलक्ष्मी
थोड़ी सी खपच्चियाँ छान की उतारी जाए
बहुत गरज रहा है वो थोथे चने के जैसा
चलो तो क्यूँ न हवा पाकिस्तान की निकाली जाये
दे रहे हैं सीख ..अपने घर में झांककर देखते नहीं है जो
आओ बुलंद आवाज में वन्देमातरम उचारी जाए
मौत से डरते तो ईमान से मौन साथ लेते
श्यामपट से वतन परस्ती की भाषा सिखा दी जाए
कदम से कदम मिलाकर बढ़ते है मंजिल की
चलो बिगड़े हुओ की नाक में नकेल डाली जाये
कश्मीर हमारा हिस्सा है सुनो खोलकर कान
जिन्हें सुनाई नहीं दिया कान में गर्म तेल उतारी जाये -- विजयलक्ष्मी
सुन्दर !!
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