नाम लेकर पुकारा तुमने मुझे जिस पल
निश्छल सी आत्मा उस छोर दी चल
जहाँ गगन ने धरा को सम्बल दिया
क्षितिज किसने कहा ...अहसास की दरिया उठी पिघल || --------विजयलक्ष्मी
निश्छल सी आत्मा उस छोर दी चल
जहाँ गगन ने धरा को सम्बल दिया
क्षितिज किसने कहा ...अहसास की दरिया उठी पिघल || --------विजयलक्ष्मी
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