कलम से..
Thursday, 31 May 2012
नवजिशें जिसके लिए हैं ....
नवाजिशे जिनके लिए है उन्ही के दिल से पूछना ..
खुशबू भरे वो हाथ .....दामन किसका पकड़े है आज भी .
खो जाती है रात जागकर क्यूँ तन्हा तन्हा कुमुदनी सी
क्यूँ सवाल फकत चले, किसके ख्वाब दामन पकड़े है आज भी .
विजयलक्ष्मी .
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