Friday, 25 May 2012

आम आदमीके लिए ही ....

सबकुछ आम आदमी के लिए ही क्यूँ ....
आज एक दिन की बात नहीं ...
संसद की कैंटीन में खाना सस्ता ...
और बाजार में इतना महंगा क्यूँ ?...
आम इंसान को मात्र बत्तीस रूपये में 
अमीर घोषित कर दिया है तो पेट्रोल की कीमत इतनी महंगी क्यूँ ....
.जब आम जनता के लिए लाभ् की कोई बात होती है तो संसद में झगड़े और....
सांसदों के लाभ की बात पर चुप्पी क्यूँ ?......
हर बार आम इंसान ही पिसता है ....
व्यापारी वर्ग झूठ की तराजू पर बैठ कर टैक्स बचाता है और
सरकारी व्यक्ति काम के बाद भी पूरा टैक्स दे क्यूँ .....?
कितने है जिनके टैक्स की भरपाई वक्त पर होती है ..
कितने है जो चोरी की बिजली जलाते है और सरकार चुप क्यूँ ...
ये तो और एक पत्थर है जो सरकार मार रही है आम इंसान के सर में ...
संसद हमारी जेब के पैसे से चलती है ..
वहाँ काम होता नहीं क्यूँ ...?
कभी झगड़े कभी जूतमपैजार ...
कभी बाहर निकल कर आम आदमी के पैसे की बर्बादी क्यूँ ..?
काम अपने कार्य क्षेत्र में न करके दिल्ली में सब बैठे है क्यूँ ..?
सरकारी गेस्ट हॉउस को जरूरतमंदों को नहीं मिलते ...
उन्हें भी ये नेता घेर कर बैठे है क्यूँ ..
कोई एक बात हों तो गिना दूँ ...
मेरे देश की कीमत लगा बैठे है क्यूँ ..?---विजयलक्ष्मी



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