खुदा !!खुदाई का भ्रम भी रखना होगा..
लोग फिर बेगैरत कहने लगेंगे वर्ना ...
कत्ल हुआ तो लहू भी बहेगा लाजिमी..
दिखावा है मौत भी कहने लगेंगे वर्ना ..
कसाई के दर पे दरकार जिंदगी की बता ..
धंधे के बने दलाल कहने लगेंगे वर्ना ..
सहमा क्यूँ सूरज ,तेल उडेलकर मौत का..
गुजरिशें भी रंग बदलने लगेगीं वर्ना ..
बियाबाँ शहर है.. बुत भी अजीब है सारे..
कातिल को खुदा ?फलक हंसेगा वर्ना ..-विजयलक्ष्मी
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