जिंदगी जितना जाना है तुमको ..
तू कयामत सी नजर आती है ..
जिन्दा रखती है इतना मुझको
फिर अश्कों में उतर आती है ..
अता कर दूँ शुक्राना तुम्हारा
मौत से पहले ही संवार जाती है ..
तुम न होती तो बुत दिखते यहाँ
तुमसे हर जगह बहार आती है ..
शक्ल ओ सूरत की तामीर कैसे हों
तू हर पल नया रूप नजर आती है ..
तल्ख चेहरा भी देखा कई बार
खिलौना सी मौत को डराती नजर आती है .--विजयलक्ष्मी
तू कयामत सी नजर आती है ..
जिन्दा रखती है इतना मुझको
फिर अश्कों में उतर आती है ..
अता कर दूँ शुक्राना तुम्हारा
मौत से पहले ही संवार जाती है ..
तुम न होती तो बुत दिखते यहाँ
तुमसे हर जगह बहार आती है ..
शक्ल ओ सूरत की तामीर कैसे हों
तू हर पल नया रूप नजर आती है ..
तल्ख चेहरा भी देखा कई बार
खिलौना सी मौत को डराती नजर आती है .--विजयलक्ष्मी
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