समुन्द्र को प्यास होती है सबसे ज्यादा ,
रखता है सारी नदियों को पीने का इरादा
दर्द की इन्तेहाँ मिल जाये शायद कभी
जितना हो सके दर्द को और देजा ज्यादा .
ये सच है जिन्दगी घर किराए का ही हैं
फिर भी मापते है सभी देह रूह से ज्यादा - विजयलक्ष्मी
रखता है सारी नदियों को पीने का इरादा
दर्द की इन्तेहाँ मिल जाये शायद कभी
जितना हो सके दर्द को और देजा ज्यादा .
ये सच है जिन्दगी घर किराए का ही हैं
फिर भी मापते है सभी देह रूह से ज्यादा - विजयलक्ष्मी
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