कलम से..
Wednesday, 9 October 2013
सरहदों के रक्षक तुम्हे सलाम ,
हवाबाज देश के तुम सरताज ,सरहदों के रक्षक तुम्हे सलाम ,
लिख दिया जीवन देश के नाम तुम्हारे उस जज्बे को सलाम
लड़ते हो मौत से जमीं क्या हवाओं पे लिखकर वतन का नाम
चीरते हो गगन का सीना हौसलों से जब चलते जानिब ए मुकाम
- विजयलक्ष्मी
1 comment:
पूरण खण्डेलवाल
9 October 2013 at 11:51
सुन्दर !!!
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सुन्दर !!!
ReplyDelete