गुमराह घोटालो में जब जब हिन्दुस्तान होगा ,
जनता की छाती में टीसता गरीबी मकाम होगा .
हर दिल में मुजफ्फरनगर का ही निशान होगा
रोती मिलेगी सड़के औ हर शहर लहुलुहान होगा .
हर गली चौराहे पर मरता हुआ किसान होगा
न सुधरी नीतियाँ, बैसाखियों पर हिन्दुस्तान होगा
देश की गलियों में डोलता कबद्ध बेजुबान होगा
दुश्मन को न मिटाया तो देश फिर गुलाम होगा .
नफरत की आग से लपटो से घिरा आवाम होगा ,
शस्य स्यामल धरती पर हर तरफ कब्रिस्तान होगा -- विजयलक्ष्मी
जनता की छाती में टीसता गरीबी मकाम होगा .
हर दिल में मुजफ्फरनगर का ही निशान होगा
रोती मिलेगी सड़के औ हर शहर लहुलुहान होगा .
हर गली चौराहे पर मरता हुआ किसान होगा
न सुधरी नीतियाँ, बैसाखियों पर हिन्दुस्तान होगा
देश की गलियों में डोलता कबद्ध बेजुबान होगा
दुश्मन को न मिटाया तो देश फिर गुलाम होगा .
नफरत की आग से लपटो से घिरा आवाम होगा ,
शस्य स्यामल धरती पर हर तरफ कब्रिस्तान होगा -- विजयलक्ष्मी
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