Thursday, 9 January 2014

गुमराह घोटालो में जब जब हिन्दुस्तान होगा ,

गुमराह घोटालो में जब जब हिन्दुस्तान होगा ,
जनता की छाती में टीसता गरीबी मकाम होगा .

हर दिल में मुजफ्फरनगर का ही निशान होगा 
रोती मिलेगी सड़के औ हर शहर लहुलुहान होगा .

हर गली चौराहे पर मरता हुआ किसान होगा
न सुधरी नीतियाँ, बैसाखियों पर हिन्दुस्तान होगा

देश की गलियों में डोलता कबद्ध बेजुबान होगा
दुश्मन को न मिटाया तो देश फिर गुलाम होगा .

नफरत की आग से लपटो से घिरा आवाम होगा ,
शस्य स्यामल धरती पर हर तरफ कब्रिस्तान होगा -- विजयलक्ष्मी

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