वो तेरा चेहरा उसपर अंदाज सुनहरा
बाते खट्टी मीठी औ अहसास रुपहला
हर लम्हा जो गुजरा संग संग हमारे
खूबसूरत सी सांझ औ चटकता सवेरा
वो दर्द के नगमे गुनगुनाये जो हमने
जिन्दा सा दीखता अश्क में अक्स तेरा
खुदारा बंजर न हो जाये दिल की जमी
बसने दो पलको में कोई ख्वाब सुनहरा
घुलना लहू में थिरकना मुझमे तुम्हारा
तन्हा हूँ तन्हा भी नहीं यादों ने ऐसे घेरा .-- विजयलक्ष्मी
बाते खट्टी मीठी औ अहसास रुपहला
हर लम्हा जो गुजरा संग संग हमारे
खूबसूरत सी सांझ औ चटकता सवेरा
वो दर्द के नगमे गुनगुनाये जो हमने
जिन्दा सा दीखता अश्क में अक्स तेरा
खुदारा बंजर न हो जाये दिल की जमी
बसने दो पलको में कोई ख्वाब सुनहरा
घुलना लहू में थिरकना मुझमे तुम्हारा
तन्हा हूँ तन्हा भी नहीं यादों ने ऐसे घेरा .-- विजयलक्ष्मी
No comments:
Post a Comment