कोटिश:नमन !!
" तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हे आजादी दूंगा !"- सुभाषचन्द्र बोस
" मैं लोगों पर नहीं उनके मनों पर राज्य करना चाहता हूँ। उनका हृदय सम्राट बनना चाहता हूँ।."-- सुभाषचंद्र बोस
"नेता जी " कहते ही उभरता रहा एक नाम सुभाष का ...आज नेता कहो तो होती है ग्लानी चेहरे और करतूत देखकर ...छोडकर सबकुछ लुटा दिया देश की खातिर आज के नेता देश को लूटकर घर अपना घर भर रहे हैं !
" देशप्रेम का स्वरूप बदल गया हुआ जीवन त्रास का ,
गिरता स्तर लगातार दिख रहा असर राजनैतिक ह्रास का
अराजकता से बुझा रहे है दीप ये नेता नहीं दीखता दीप आस का
"नेता जी "कहते ही उभरता रहा एक नाम सुभाष का "-- विजयलक्ष्मी
जन्मदिवस पर विशेष ....
देशप्रेमियों की और से "नेता जी सुभाषचन्द बोस को कोटिश:नमन ,......जय हिन्द !!
वन्देमातरम !!
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