कलम से..
Friday, 17 August 2012
सूरज को सलाम बजा लायें ...
सहर के सूरज को सलाम बजा लाये ,
बज्म में उसकी ये जिंदगी बितानी है .
चमकता है गगन में ,मुस्कुराती है दुनिया ,
वर्ना जमीं की हस्ती ही बंजर हों जानी है
.....विजयलक्ष्मी
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