" अक्सर उठता है यक्ष प्रश्न सा सामाजिक पटल पर ,
मन के कैनवास पर ..
क्या किया तुमने देश की खातिर ..?
लीजिये भाषण करना ,
औरो को निचा दिखाना
बुराई दिखाकर दुसरे की खिंची लकीर मिटाना ..ये कम मत आंकना
कर्म करने वाले कोई और होंगे हम लफ्फाजी करले यही क्या कम है
यहाँ पप्पू क्या कम है
एक पप्पू तो हम हैं ".--- विजयलक्ष्मी
मन के कैनवास पर ..
क्या किया तुमने देश की खातिर ..?
लीजिये भाषण करना ,
औरो को निचा दिखाना
बुराई दिखाकर दुसरे की खिंची लकीर मिटाना ..ये कम मत आंकना
कर्म करने वाले कोई और होंगे हम लफ्फाजी करले यही क्या कम है
यहाँ पप्पू क्या कम है
एक पप्पू तो हम हैं ".--- विजयलक्ष्मी
No comments:
Post a Comment