कलम से..
Wednesday, 3 October 2012
गुलाब का बगीचा सजायेंगे .
दफना दिया आज खुद को हमने फिर एक बार ,
ऊपर से कब्र के गुल ओ गुलाब का बगीचा सजायेंगे .- विजयलक्ष्मी
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